किसी भी कार्य में एकता का बहुत महत्व होता है। यदि हम अपने भारत की पुरानी परंपरा देखे तो एकता का अस्तित्व हर क्षेत्र में दिखाई पड़ेगा। जैसे परिवार, व्यापार, शिक्षा आदि। इन प्रत्येक क्षेत्रो में सहयोग एवं एकता के होने से व्यक्ति भी खुशहाल रहता था तथा परिवार, व्यापार भी उन्नति करते थे। कुछ वर्षो पहले जब संगठित परिवार होते थे, परिवार के सभी भाई एक ही छत के नीचे रहकर एक दुसरे की जरूरतों और मुश्किलों में साथ देते थे। सभी भाइयो का एक ही व्यापार होता था, जिसमे मिल जुलकर व्यापार में आने वाली कठिनाइयों का सामना कर लेते थे। इसके मुकाबले आज के समय में अकेला व्यक्ति व्यापार में स्वयं ही मुश्किलों से जूझ रहा है।
जब दो व्यक्तियों के साथ दो अन्य व्यक्ति और जुड़ जाते हैं, तो उस कार्य की शक्ति दो और दो चार की नहीं, बल्कि दो दूनी बाईस की हो जाती है। तब उस कार्य में सफलता निश्चित हो जाती है। कहने का तात्पर्य हमारा यही है की हम भारतीय यदि एकल काम करने के स्थान पर संगठित होकर काम करें, तो उस शक्ति के लाभ का आनंद सभी परिवारों को तो प्राप्त होगा ही, साथ ही देश में व्यापार भी उन्नति करेंगे।
आओ हम अपने देश में बने सामान को उपयोग में ले और भारत के व्यापारियों को मजबूत बनाये।
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