घर की खेती से हमारा तात्पर्य भारत की धरती से है। भारत हमारा देश है, ये धरती भी हमारी है, तो फिर यहाँ के रोजगार पर अधिकार भी हमारा ही होना चाहिए। यदि अपनी ही धरती पर रोजगार करने का या व्यापार करने का अधिकार किसी और को दे दिया जाये, तो ये फिर से ग़ुलामी का जीवन बिताने जैसा है। कहने का तात्पर्य यह है की अपने ही देश में वस्तुओ का उत्पादन करें, व्यापार को बढ़ाएं, एवं रोजगार उत्पन्न करें। तो फिर देखिये की फिर देश में पैसा ऐसा फलेगा जैसे घर की खेती हो।
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