जैन तत्त्वविद्या आचार्य माघनन्दि कृत शास्त्रसार समुच्चय की हिन्दी विवेचना का ललित अभिधान है । जैसा कि ग्रन्थ का नाम सूचित करता है , यह शास्त्रों के चारों अनुयोगों के सार का संग्रह है । ग्रन्थ चार अध्यायों में विभक्त है ।
VARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
---|
जैन तत्त्वविद्या आचार्य माघनन्दि कृत शास्त्रसार समुच्चय की हिन्दी विवेचना का ललित अभिधान है । जैसा कि ग्रन्थ का नाम सूचित करता है , यह शास्त्रों के चारों अनुयोगों के सार का संग्रह है । ग्रन्थ चार अध्यायों में विभक्त है ।
A one stop Swadeshi Store dedicated to promote production & sales of Cruelty Free, Organic, Natural, Herbal, Ayurvedic, Chemical Free, Eco Friendly, Satvik, Ahinsak, Swadeshi products !
भारत में निर्मित अहिंसक वस्तुओं के उत्पाद एवं विक्रय हेतु समर्पित
यहाँ आपको मिलेगा शुद्ध देसी सामान, ना विदेशी ना मिलावटी !!<...